द्वितीयः पाठ: कक्षा 6 बलवान् क:

 


 



हिन्दी अनुवाद- 

        प्राचीन काल में गंगा तट पर उग्रतप नाम के मुनि आश्रम में रहते थे। मुनि ने आश्रम के बाहर एक चुहिया को देखा और उसे आश्रम में ले आए। मुनि ने अपने मंत्र के प्रभाव से उसको कन्या बना दिया। जब वह विवाह योग्य हुई तो कन्या ने सूर्य से विवाह करने की इच्छा प्रकट की। मुनि ने

तपोबल से सूर्य को बुलाया और कन्या की इच्छा बताई। यह सुनकर सूर्य कहा, "मुझसे बलवान तो 

मेघ है जो मुझे ढक लेता है।" मुनि ने मेघ को बुलाया। मुनि की बात सुनकर मेघ ने कहा, "मुझसे बलवान हवा है जो मुझे उड़ाकर दूर ले जाती है।" तब मुनि ने पवनदेव का आह्वान किया। पवनदेव ने कहा, "मेरी गति को पर्वत रोक देता है, मैं उसको हिला तक नहीं पाता हूँ। मुझसे बलवान तो.

पर्वत है।" यह सुनकर मुनि पर्वत के पास गए। तब पर्वत ने कहा, "यद्यपि मैं बलवान हूँ फिर भी चूहा मेरे शरीर में बिल खोद देता है। इसलिए मुझसे बलवान चूहा है।" तब मुनि चूहे के पास गए। उन्होंने अपनी कन्या से पूछा, “क्या तुम चूहे के साथ विवाह करोगी ?" कन्या ने खुशी-खुशी

स्वीकार कर लिया। तब मुनि ने मंत्रबल से कन्या को चुहिया बना दिया और चूहे के साथ उसका

विवाह कर दिया।


In olden days a sage named 'Ugratapa' lived on the banks of Ganges in his asharam. Once he saw a small she-mouse outside. He brought it in his ashram and transformed it into a beautiful girl with his saintly power. On attaining the marriageable age, she expressed her wish to marry the Sun God. The sage, with his saintly power, invoked the Sun God and conveyed his daughter's wish. Sun God in turn, told him that the cloud could be the better match as it had the power to cover him. Then the sage called on the cloud and explained the issue. The cloud dissuaded the sage and vouched for the wind as it had the power to blow the cloud. The sage invoked the Wind, who in turn told him about the mighty mountain who could obstruct the speed of the Wind. Mountain when approached, told the sage how helpless he had been before the strength of the mouse (male) who could easily make a hole in it. Ultimately, the sage had to transform the girl into the mouse and married her off with the mouse.

1- उत्तर चयनकर्ता- 

       1- गंगा तटे

       2- मूषिकाम्

       3- मन्त्र बलेन

       4- भानु:

       5- मेघस्य

       6- मूषकः

उत्तरपुस्तिकायाम् उत्तरा पूर्णवाक्येनत (अधो विवरण के उत्तर पूर्ण वाक्य में उत्तरपुस्तिका में लिखिए।) (पूरा उत्तर अपनी नोटबुक में लिखें ।)


1. मुनिः आश्रमात बहिः एक दुर्बलं मूषिकाम् अपश्य। 

 2. सा कन्या सूर्येण सह विवाहं कर्तु इच्छति । 


3. सूर्यः कथ्यति -“भगवं मम अपेक्षया मेघः सर्वोत्कृष्टः वरः अस्ति। सः सर्वदा माम् आच्छाद्य तिष्ठति।"


4. पर्वतः कथ्य --“भगवंन  ! यद्यपि  अहं बलवान अस्मि.परन्तु  मूषकः मम शरीरे सर्वत्र बिलं करोति। अतः मूषकः इव मम अपेक्षया बलवान् अस्ति।”


5. पश्चात् मुनिः  तां कन्यां मूषिकाम् कृत्वा मूषकेण सह तस्याः विवाहं रचयति।

प्रश्न पद चिन्तन-- 

 1- किम्

 2- कस्मत

 3- कस्या:

 4- कस्य

 5- क: 

 6- कुत्र

 7- केन


क: कम कथ्यति --- 

           क: कम्

 1- सूर्य: मुनिम्

 2- मेघ: मुनिम्

 3- मुनिः कन्या:

  4- वायुः मुनिम्

  5- पर्वतः मुनिम्


विशेषण विशेष मेलम् कुरुत-

 1- दुर्बलां मूषिकाम्

 2- बलवान मूषकः

  3-सर्वोत्तमः वर:

  4- सर्वांसं

  5- विवाह योग्य कन्या

  6- प्रसन्नः भानुः


VI. मञ्जूूषादॉंध्यात्म के अनुसार बोधित वाक्य - बोर्ड में टाइप करेंगे पद चयनकर्ता।) (बॉक्स में दिए गए सही पर्यायवाची शब्द का चयन करें और लिखें।) ;




१ वायुः          पवनः

2. माघ:       जलदः

3- दया         करुणा

4. पर्वतः        गिरी:

5- सूर्य:        भानु:

6. उत्तमः       श्रेष्ठः


7 निम्न लिखित की विभक्ति और वचन लिखें।)


पदानि                       विभक्तिः          वचनम्


यथा- 1. आश्रमः       प्रथमा           एकवचनम्

2. मूषिकाम्           द्वितीया           एकवचनम्

3. मन्त्रबलेन        तृतीया             एकवचनम्

4. सूर्याय            चतुर्थी              एकवचनम्

5. मेघात्            पंचमी              एकवचनम्

6. मूषकस्य        षष्ठी                 एकवचनम्

7. गंगातटे          सप्तमी             एकवचनम्


- अगर आपको संकल्पम  भाग 3 के किसी भी पाठ का वीडियो चाहिए तो नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके प्राप्त कर सकते हैं, धन्यवाद


https://youtube.com/channel/UCnQciSZi8Tjz4iD6cpQFKXQ

1 comment: