Sankalpm sanskrit book bhag 3 सप्तमः पाठ: सायं - वेला class 8
यस्मिन् समये सर्वे जीवा: परिश्रम्य स्व-स्व गृहं प्रति आगच्छन्ति, स: समय: सायं वेला भवति। सायं वेला सन्धि वेला (मिलन वेला) भवति। दिनस्य रात्रेः च यदा मेलनं भवति सा वेला सायं वेला भवति।
हिन्दी अनुवाद- जिस समय सभी जीव परिश्रम करके अपने अपने घर की ओर आते हैं वह समय शाम का समय होता है। सायं वेला सन्धि वेला ( मिलन वेला) होती है। दिन और रात का जब मिलन होता है वह बेला सायं बेला होती है।
अस्मिन् समये रविः शनैः शनैः अस्ताचलं प्रति गच्छति। सूर्योदयः पूर्वदिशायां भवति परन्तु सूर्यास्त: तु पश्चिमदिशायां भवति । अयं दिनकरः सदा प्रसन्नः तिष्ठति। अतः उदयकाले अपि रक्तवर्णः भवति, अस्तकाले अपि रक्तवर्णः (प्रसन्नः) भवति ।
उक्तं चापि – “सम्पत्तौ च विपत्तौ च महताम् एकरूपता।“
हिन्दी अनुवाद- इस समय सूर्य धीरे-धीरे अस्ताचल की ओर जाता है। सूर्योदय पूर्व दिशा में होता है परंतु सूर्यास्त तो पश्चिम दिशा में होता है । यह सूर्य हमेशा प्रसन्न रहता है इसीलिए उदय काल में भी लाल रंग होता है और अस्त काल में भी लाल रंग( प्रसन्न वर्ण )का ही होता है।
और सच कहा गया है कि महान पुरुष संपत्ति में( सुख में) और विपत्ति में एक समान रहते हैं।
सायं कालः मुखकालस्य सूचनां ददाति। सायं काले यथा-यथा सूर्यः अस्तः भवति, तथा तथा अन्धकार संसारे प्रसरति। एकतः सूर्यास्तः भवति, अपरतः चन्द्रोदयः भवति। रात्रौ चन्द्रः पञ्चदश दिवस-पर्यन्तं वर्धते, पञ्चदश दिवसपर्यन्तं च क्षीयते। एवं प्रकारेण मासे द्वौ पक्षौ भवतः । एकः शुक्लपक्षः द्वितीयः कृष्णपक्षः च । उभयोः पक्षयोः पञ्चदश तिथयः भवन्ति । शुक्लपक्षस्य अन्तिमा तिथि: पूर्णिमा भवति, कृष्णपक्षस्य अन्तिमा तिथि: अमावस्या भवति। पूर्णिमा तिथि: 'गुरुपूर्णिमा' 'बुद्धपूर्णिमा' रूपेण प्रसिद्धा अस्ति। एतासु अनेके महापुरुषाः जाता: अनेके महोत्सवाः च भवन्ति ।
हिन्दी अनुवाद- शाम का समय सुख काल की सूचना देता है। शाम के समय में जैसे-जैसे सूर्य अस्त होता है ,वैसे वैसे अंधकार संसार में फैलता है। एक तरफ सूर्यास्त होता है तो दूसरी तरफ चंद्रोदय होता है। रात में चंद्रमा 15 दिन तक बढ़ता है बढ़ता है और 15 दिन के बाद कम होता है। शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि पूर्णिमा होती है,और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या होती है। पूर्णिमा तिथि 'गुरु पूर्णिमा' 'बुद्ध पूर्णिमा' आदि रूप में प्रसिद्ध है। इस दिन अनेक महापुरुष हुए और अनेक महोत्सव भी होते हैं।
सायं-काल: विश्रामाय आगच्छन्ति। सर्वे जीवाः विश्रामाय तत्पराः भवन्ति । दिनस्य श्रान्तं शान्तं कुर्वन्ति। महाभारतयुद्धे अपि वीराः सायं काले युद्धं न कुर्वन्ति स्म। अस्मिन् काले सर्वे वैरभावं त्यक्त्वा मित्रवत् आचरन्ति स्म। सर्वे जीवा: रात्रौ निद्रां प्राप्य स्वप्नलोके विचरन्ति । निद्रा तु जीवेभ्यः शक्तिं शान्तिं च यच्छति। अतः उक्तमपि
या देवी सर्वभूतेषु निद्रारूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥
धन्योऽयं सायं कालः यस्मिन् वयं सुखम् अनुभवामः ।
हिन्दी अनुवाद- शाम का समय विश्राम के लिए आता है। सभी जीव विश्राम के लिए तत्पर होते हैं। दिन की थकावट को दूर करते हैं । महाभारत युद्ध में भी वीर शाम के समय युद्ध नहीं करते थे। इस समय सभी वैर भाव को त्याग कर मित्रवत व्यवहार करते थे। सभी जीव रात में निद्रा को प्राप्त करके स्वप्नलोक में विचरण करते हैं। निद्रा तो जीवों के लिए शक्ति और शांति देती है।
कहा भी गया है- जो देवी सभी प्राणियों में निद्रा के रूप में विराजमान है। उस देवी को नमस्कार है, नमस्कार है, नमस्कार है।
धन्य है यह शाम का समय जिससे हम सब सुख का अनुभव करते हैं।
एकपदेन उत्तरत-
1- रवि:
2- सुखकालस्य
3- द्वौ पक्षौ
4- विश्रामाय
5- निद्रा
6- वयम्
II. उत्तरपुस्तिकायाम् पूर्णवाक्येन उत्तरत- (उत्तरपुस्तिका में पूर्ण वाक्य में उत्तर दीजिए।) (Write complete answers in your note-book.)
1. दिनस्य रात्रेः च यदा मेलनं भवति सा वेला सायं वेला भवति ?
2. सायं काले यथा-यथा सूर्यः अस्तः भवति, तथा-तथा अन्धकार: संसारे प्रसरति ।
3. महाभारत युद्धे वीराः सायं काले युद्धं न कुर्वन्ति स्म ।
4. उभयोः पक्षयोः पञ्चदश तिथयः भवन्ति ।
5. निद्रा देव्यै नमोनमः।
प्रश्न निर्माण-
1- किम्
2- कस्मिन् काले
3- कति
4- कस्य
5- केभ्यः
IV. पाठात् विलोमपदं चित्वा पुरतः लिखत – (पाठ में से निम्नलिखित शब्दों के विलोम लिखिए।) (Write the opposites of given words from the lesson.)
1. सायं - प्रातः
2. - दिनस्य- रात्रेः
3- सूर्योदय: - सूर्यास्त: ,
4- - सम्पत्तौ- विपत्तौ
5- वर्धते - क्षीयते ,
6- - शुक्लपक्षः- कृष्ण पक्ष:
7- -पूर्णिमा - अमावस्या
8- प्रथमा –द्वतीया
9- उदयकाले – अस्तकाले
10- एकतः- अपरतः
क्रमानुसार लिखत-
विभक्ति- पदम् पदम्
1 प्रथमा - रविः महापुरुषः
2 द्वितीया- शक्तिं निद्रां
3 तृतीया- रूपेण वीरै:
4 चतुर्थी- विश्रामाय तस्यै
5 पंचमी - सूर्योदयात् जीवेभ्यः
6 षष्ठी - पक्षयोः रात्रेः
7 सप्तमी - पूर्वदिशायां स्वप्नलोके
VI. भिन्नप्रकृतिकं पदं रेखांकितं कुरुत – (भिन्न शब्दों को रेखांकित कीजिए।) (Underline the odd words.)
1. सूचनां, दिशायां, निद्रां, गृहं
2. परिश्रम्य, आगत्य, विश्रामाय, निर्गत्य
3. भवन्ति, ददाति, वर्धते, निमज्जति
4. सदा, यथा, तथा, महताम्
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