अष्टमः पाठ: कक्षा 6 पुस्तकस्य आत्मकथा
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शिक्षणविन्दुः पुस्तकं सर्वेषां मानवानां कृते अमूल्यनिधिः अस्ति।
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ददामि सततं ज्ञानम्, भवामि पथ-दर्शकम् ।
सर्वे मां स्निह्यन्ति, मम नाम तु पुस्तकम् ॥
सत्यं सत्यम्। मम नाम 'पुस्तकम्' अस्ति। अहं ज्ञान विज्ञानस्य भण्डारम् अस्मि । मम नाम श्रुत्वा केचन जना: भीताः भवन्ति, केचन जनाः तु प्रसन्नाः अपि भवन्ति । मम वंश परम्परा अतिप्राचीना अस्ति। सर्वेषां धर्माणाम् आधार: अहमेव अस्मि । वेद-बाइबिल कुरान गुरुग्रन्थ इत्यादिनां ग्रन्थानां रक्षक: अहमेव अस्मि । अहं केनापि सह भेदभावं न करोमि। सर्वे जनाः मम कृते समानाः सन्ति । मम आकारः लघुः अपि अस्ति विशालः अपि अस्ति।
हिन्दी अनुवाद- सभी को निरंतर ज्ञान देती हूँ, और पथ प्रदर्शक होती हूं। सभी मुझे स्नेह करते हैं, मेरा नाम तो पुस्तक है। ।
सत्य है सत्य है। मेरा नाम पुस्तक है। मैं ज्ञान विज्ञान का भंडार हूं। मेरा नाम सुनकर कुछ लोग तो भयभीत होते हैं और कुछ तो प्रसन्न भी होते हैं। मेरी वंश परंपरा बहुत ही प्राचीन है। सभी धर्मों का आधार में ही हूं। वेद बाइबल कुरान गुरु ग्रंथ आदि ग्रंथों की रक्षक में ही हूं। मैं किसी के साथ भी भेदभाव नहीं करती हूं। सभी लोग मेरे लिए समान हैं। मेरा आकार छोटा भी है और बड़ा भी है।
संसारे सर्वे जनाः मम महत्त्वं जानन्ति । सर्वे छात्राः, अध्यापकाः अध्यापिकाः च मां देववत् पूजयन्ति। ते मां नमन्ति । अहं ज्ञानस्य स्रोतः एव न अस्मि अपितु सर्वेषां धनानां श्रेष्ठं धनम् अस्मि । मम तुलना केनापि सह न अस्ति।
हिन्दी अनुवाद- संसार में सभी लोग मेरा महत्व जानते हैं। सभी छात्र अध्यापक और अध्यापिका मुझे देवता की तरह पूजते हैं। वे मुझे नमस्कार करते हैं। मैं ज्ञान का स्रोत ही नहीं हूं बल्कि सभी जनों में श्रेष्ठ धन हूं। मेरी तुलना किसी के साथ भी नहीं है।
अस्मिन् संसारे ये जनाः मम मूल्यं जानन्ति तेषां कृते अहं बहुमूल्यम् अस्मि। ये न जानन्ति तेषां कृते कर्गदस्य समूहः अस्मि । ये जनाः मया सह तिष्ठन्ति ते सदा सफलाः भवन्ति । जनानां श्रेष्ठमित्रम् अहमेव अस्मि ।
हिंदी अनुवाद --इस संसार में जो लोग मेरा मूल्य जानते हैं उनके लिए मैं बहुत मूल्यवान हूं। जो नहीं जानते हैं उनके लिए मैं कागज का ढेर हूं। जो लोग मेरे साथ बैठते हैं वह हमेशा सफल होते हैं। लोगों का सबसे श्रेष्ठ मित्र मैं ही हूं।
यद्यपि वर्तमानयुगं विज्ञानयुगम् अस्ति। अस्मिन् समये सर्वाणि वस्तूनि यन्त्रे स्थितम् सन्ति । जनाः माम् अपि यन्त्रे स्थापितम् अकरोत् परन्तु इदं सत्यम् अस्ति यत् मम विनाशः कदापि न भविष्यति । सर्वे जानन्ति यत् पुस्तकालयः विद्यालयस्य आभूषणम् अस्ति । पुस्तकालयस्य निर्माणं मां विना कदापि न भविष्यति। अतः केनापि सत्यं कथितम्- “यावत् स्थास्यति ज्ञानम् तावत् स्थास्यति पुस्तकम्।”
हिंदी अनुवाद-- यद्यपि वर्तमान युग विज्ञान का युग है। इस समय सभी वस्तुएं यंत्र में स्थित हैं। लोगों ने मुझे भी यंत्र में स्थापित किया परंतु यह सत्य है कि मेरा विनाश कभी भी नहीं होगा। सभी जानते हैं की विद्यालय का आभूषण पुस्तकालय है। पुस्तकालय का निर्माण मेरे बिना कभी भी नहीं होगा। किसी ने भी सत्य कहा है जब तक यह ज्ञान रहेगा तब तक पुस्तक भी रहेगी।
सही उत्तर चुनिए-
1- भण्डार ं
2- सर्वे जनाः
3- पुस्तक ं
4- विद्यालयस्य
5- पुस्तकस्य
II. उचितपदं चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत
(उचितपद चुनकर रिक्त स्थानों को पूरा कीजिए।)
(Fill in the blanks choosing the correct word.) )
1- अतिप्राचीना
2- भेदभावं
3- विद्यालयस्य
4- विज्ञानयुगं
5- विनाशः
III. उचितपदेन प्रश्ननिर्माणं कुरुत- (उचितपद से प्रश्ननिर्माण कीजिए।) (Choose the right word to make questions.)
1- का
2- का:
3- कस्य
4- के
5- केषाम्
IV. मञ्जूषातः शुद्धं विलोमपदं चित्वा लिखत - (बॉक्स से सही विलोमपद चुनकर लिखिए।) (Write the opposite word for the following.) )
1- नवीना
2- विशालः
3- असामान्यम्
4- असफलाः
5- अपमानम्
V. पाठानुसारम् विशेषण-विशेष्य मेलनं कुरुत (पाठ के अनुसार विशेषण-विशेष्य को मिलाइए।)
(Match the adjectives with the nouns according to the lesson.)
विशेषण विशेष्य
1. श्रेष्ठं धनम्
2. सर्वाणि वस्तूनि
3- अतिप्राचीना वंश परम्परा
4- भीताः जनाः
5- लघुः आकारः
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