Sankalpm sanskrit book bhag3 तृतीया पाठः - बलमसि बलं मयि धेहि class 8

Sankalpm sanskrit book bhag3 तृतीया पाठः - बलमसि बलं मयि धेहि class 8


1- अस्मिन् संसारे............... व्यायाममाचरेत् ।।
अनुवाद -
 इस संसार में सभी लोग सुखी रहने की इच्छा रखते हैं। परंतु सुख का आधार क्या है? इसका उत्तर सभी जानते -हैं स्वस्थ शरीर। लेकिन उसके प्रति कोई भी सावधान नहीं हैं । जो लोग जागरूक हैं वह मृत्यु पर्यंत सुखी और स्वस्थ रहते हैं।
वर्तमान समय में मानव जीवन यंत्र की तरह चलता है ।लोग देर रात तक परिश्रम करते हैं। उनके पास विश्राम करने के लिए समय नहीं है। गलत समय पर भोजन करते हैं और अनुचित समय पर विश्राम करते हैं। उनके शरीर रोगों से भरे होते हैं। डॉक्टर के परामर्श से रोज दवाइयाँ खाते हैं ,फिर भी स्वस्थ नहीं होते हैं।


 परंतु पहले हमारे ऋषि मुनि संयम के अनुसार अपना जीवन व्यतीत करते थे। वे समय पर शुद्ध भोजन प्रतिदिन घूमना योगाभ्यास करना, प्राणायाम आदि करते थे ।स्वस्थ शरीर के लिए व्यायाम परम आवश्यक है ।योग शास्त्र में लिखा भी है -व्यायाम से शरीर स्वस्थ होता है बुद्धि ,तेज ,यश और बल बढ़ते हैं अतः इसलिए मनुष्य को व्यायाम करना चाहिए।
2- स्वास्थ्यं हि................ च भवन्तु ।
अनुवाद -स्वस्थ शरीर व्यायाम से ही प्राप्त होता है । केवल पौष्टिक भोजन से ही स्वास्थ्य लाभ नहीं होता।व्यायाम से पाचन शक्ति बढ़ती है और शरीर में स्फूर्ति (चेतना )आती है, मन प्रसन्न होता है ,बुद्धि विकासशील और शरीर सुंदर होता है।
इस संसार में जितने ही महापुरुष हुए हैं ,उन सब को व्यायाम प्रिय था। व्यायाम के बल से ही इंद्र, भीम, भीष्म, द्रोण ,पृथ्वीराज महाराणा प्रताप, शिवाजी, विभिन्न राजा तथा देश और विदेश के सभी वीरों ने जीवन में सफलता प्राप्त की।
 व्यायाम के अनेक प्रकार हैं ।घूमना ,दौड़ना, खेलना आदि शारीरिक व्यायाम तथा स्व अध्ययन करना , पढ़ना लिखना मनन और चिंतन करना आदि मानसिक व्यायाम होते हैं। जो अधिक व्यायाम करने में समर्थ नहीं होते वे केवल भ्रमण करते हैं अर्थात घूमते हैं। घूमना सबसे उत्तम व्यायाम है।


 सारी यह है- बलवान शरीर में मन और बुद्धि दोनों बलवान होते हैं। बलवान पुरुष का सभी देश आदर करते हैं। निर्बल (दुर्बल) का हमेशा तिरस्कार होता है। वेदों में भी प्रार्थना रूप में कहा गया है कि-
हे तेज प्रदान करने वाले देवता मुझमें भी तेज प्रदान कीजिए ,हे बल प्रदान करने वाले देवता मुझमें भी बल प्रदान कीजिए।
 छात्रों के लिए व्यायाम अति आवश्यक है यही छात्रा आगे चलकर देश के कर्णधार होते हैं स्वस्थ छात्र ही बुद्धिमान और बलवान होते हैं वही मातृभूमि का गौरव बढ़ाते हैं। हमारे हमारे प्रिय योग गुरु बाबा रामदेव योग के माध्यम से देश और विदेश में सभी जगह स्वास्थ्य का प्रचार करते हैं ।सभी नियमित (प्रतिदिन )व्यायाम करते हैं और स्वस्थ होते हैं।
अभ्यास- कार्याणि
। एकपदेन उत्तरत-
1- सुखी
2- मानव जीवनं
3- व्यायामेन
4- सर्वोत्कृष्ट:
5- छात्राणां
6- नियमितं व्यायामं
 वाक्येन उत्तरत –
1- ये जनाः जागरूकाः सन्ति ते मृत्योः पर्यन्तं सुखिनः स्वस्थाः च तिष्ठन्ति ।
2-व्यायामेन पाचनशक्तिःवर्धते । अनेन शरीरे स्फूर्तिः आयाति । मनः प्रसन्नं भवति । बुद्धिः विकासशीला शरीरं च सुन्दरं भवति ।
2- ये अधिकं व्यायामं कर्तुं न शक्नुवन्ति ते केवलं भ्रमणमेव कुर्वन्ति ।
3- स्वस्थाः छात्राः एव बुद्धिमन्तः बलवन्तः च भवन्ति ।
प्रश्न निर्माणं कुरुत--
1- के
2- कस्य
3- केन
4- का:
विशेषण- विशेष्य मेलनम् कुरुत –
प्रसन्नं मन:
विकासशीला बुद्धिः
सुप्रसिद्धाः महापुरुषाः
अधिकं व्यायामं
बलवति शरीरे
स्वस्था: छात्राः
अन्वयं पूरयति –
  गात्रस्य , तेज: , प्रवधन्ते, व्यायामम्,
शुद्धं उत्तरं चिनतु –
क-
1- विश्रामं
2- स्वस्थ शीरारार्थं
3- परिश्रमं
4- जनानां
- 1 चतुर्थी 2- पार्श्वे



नोट- अगर आपको संकल्पम  भाग 3 के किसी भी पाठ का वीडियो चाहिए तो नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके प्राप्त कर सकते हैं, धन्यवाद। 


https://youtube.com/channel/UCnQciSZi8Tjz4iD6cpQFKXQ


1 comment:

  1. ma'am pls upload picture of grammar portion sankalpam bhag-3 class 8,
    please ma'am i need that, you can upload it to youtube or blog or on my email ID,
    Plaese ma'am!!!! i will be waiting for your reply

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