श्रीमद्भागवत गीता अध्याय 2 सांख्य योग

 

श्रीमद्भगवद्गीता

 अध्याय 2 - सांख्य योग

 

दोस्तों इस लेख में हम श्रीमद्भगवद्गीता के दूसरे अध्याय का अध्ययन करेंगे जो हमारे एलटी ग्रेड सिलेबस में है। इस अध्याय में हम श्रीमद्भागवत गीता के दूसरे अध्याय के सभी 72 श्लोकों का हिंदी में अनुवाद करते हुए आशा करते हैं कि यह लेख आपको जरूर पसंद आएगा।

( अर्जुन के शोक का कारण)
संजय उवाच तं तथा कृपयाविष्टमश्रुपूर्णकुलेक्षणम्। विषीदन्तमिदं वाक्यमुवाच मधुसूदनः ॥ (1)


भावार्थ: संजय ने कहा - इस प्रकार करुणा से आस्था, आंसुओं से भरे व्याकुल उत्सवों वाले, शोकग्रस्त अर्जुन को देखकर मधुसूदन श्रीकृष्ण ने यह शब्द कहा। (1)

जन्म दिन का गीत संस्कृत में

 Birthday song in sanskrit



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शुभ जन्मदिनं तुभ्यम्

शुभ जन्मदिनं तुभ्यम्

शुभ जन्मदिने तव हे 

सकलम् मधुरं भूयात्।। 

दशमःपाठः अत्र किं वैशिष्ट्यम् ? संकल्पम् book भाग 2 chapter 10

 दशमःपाठः

अत्र किं वैशिष्ट्यम् ?


शिक्षणविन्दुः बालानां वाक्पटुता यदा-कदा जीवन समय करोति।



विगत सप्ताहे राकेशस्य जन्मदिवसः आसीत्। वयं सर्वाणि मित्राणि मिलित्वा तस्य गृहम् अगच्छाम। तस्य परिवारस्य सर्वे सदस्याः अस्माकम् अभिनन्दनम् अकुर्वन् । केककर्तनस्य पश्चात् वयं क्रीडने मग्नाः आस्म । तदैव राकेशस्य पितामहः तत्र आगच्छत् । वयं सर्वे तस्य अभिनन्दनम् अकुर्म। आशीर्वाद दत्वा पितामहः अवदत् - "हे बालकाः ! अहं एकं प्रश्नं पृच्छामि। यूयं तस्य उत्तरं यच्छत।"

पिछले सप्ताह राकेश का जन्मदिन था।हम सभी मित्र मिलकर उसके घर आए थे। उसकी परिवार की सभी सदस्यों ने हमारा स्वागत किया । केक काटने के बाद हम सभी खेलने में मग्न हो गए। तभी राकेश के दादाजी वहाँ आए। दादाजी ने बच्चों से कहा कि मैं एक प्रश्न पूछता हूँ तुम सब उसका उत्तर देना।

राकेश अवदत्- "किं प्रश्नम् अस्ति पितामहः ?"